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सत्यता, साहस और विश्वास को दर्शाती फिल्म गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल ( स्टार 4 /5 )

फिल्म : गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल 
निर्देशक : शरण शर्मा 
निर्माता :करण जोहर, ज़ी स्टुडिओ, हीरू यश जोहर और अपूर्व मेहता 
कास्ट     : जान्हवी कपूर, पंकज त्रिपाठी, अंगद बेदी, विनीत कुमार सिंह और मानव विज 
संगीत : अमित त्रिवेदी 
गीत : कौसर मुनीर 
सिनेमेटोग्राफर : मनुष नंदन
समीक्षक  : पुष्कर ओझा 
      कुछ फिल्में होती है जिसे सिनेमा हॉल में देखने  से  एक अलग ही रूप नज़र आता हैं जिसमें न केवल निर्देशक, बल्कि डीओपी, सिनेमाटोग्राफर का कार्य साफ़ साफ़ नज़र आता जो दर्शको को दिखाना चाहता  है उसमे वे  कभी कोम्प्रोमाईज़ नहीं करते फिल्म  गुंजन सक्सेना  उन्ही में से एक फिल्म हैं जिसे मोबाइल या टीवी पर नहीं थिएटर में देखने के लिए दिल आतुर था पर कोविद 19 के चलते मेरी यह मुराद पूरी नहीं हो सकती |  फिल्म में न केवल गुंजन के वीरता को दर्शाया बल्कि समाज में महिला - पुरुष के बिच में जो भेद भाव को भी सहज रूप से दर्शाया हैं | 
     कहानी की बात करते हैं कारगिल युद्ध से शुरू होते ही फिल्म फ़्लैश बैक में चली जाती ही, जह नन्ही गुंजन को फ्लाइट के विंडो सीट से बहार का नज़ारा  देखना है पर बड़ा भाई उसे खिड़की खोलने से मना करता है यह देख एयर होस्टेज उसे केबिन में ले जाती है जहा पायलेट उसे कहता है की प्लेन उड़ाने के लिए पायलेट बनना पड़ता है, यह बात गुंजन के मन में इस कदर घर करगई की वह दिन रात  पायलेट बनने की ही चाह  में रही दसवीं में 94 प्रतिशत लाये तो कहा गया १२वी पास कर के आना १२वी में भी  अच्छे परसेंट आये तो कहा ग्रेजुवेशन कर आओ, वह भी गुंजन कर के पायलेट के लिए फॉर्म ले आती है पर अब यहाँ फीस 10 लाख सुन वह पीछे हैट जाती है, पिता (पंकज त्रिपाठी) आर्मीमेन उनके पास इतनी रक्कम कहा से आएँगी, एक दिन गुंजन को पिता एयर फाॅर्स जॉइंट करने को कहते है, पायलेट बनना है फ्लाइट उड़ानी हैं तो एयर फाॅर्स जॉइंट करने फॉर्म से लेकर हर परीक्षा में अव्वल आती है गुंजन पर वह रिजेक्ट हो जाती है उसके वजन और हाइट से | गुंजन ने हार मान ली पर पिता ने नहीं अभिनेत्री रेखा का उदहारण देते हुए गुंजन को वजन कम करने में पिता हर तरह से सहायता करते है और फिर एक बार एयर फाॅर्स के लिए रे अप्लाई करती है इस बार सब सही है पर हाइट , ऊपर वाला कभी कभी किस पर बेहरबान रहता है और गुंजन पर भी ऊपर वाले की नज़र थी गुंजन के हाथ और पैर लम्बे होने के कारण उन्हें एयर फाॅर्स में देश सेवा का मौका मिलता है, पुरुष प्रधान एयर फाॅर्स में जब महिला जॉइंट करे  इसके आगे में नहीं लिखूंगा आपको फिल्म देखनी होंगी , एक बार जरूर देखना आप पिता हो भाई हो या माँ या बेटी देखना हम भी यही करते है शायद अपने घर में "तू लड़की है बेटा"  कहते है  | 
        अभिनय की बात करते है गुंजन जाह्नवी कपूर ने सोनम कपूर की नीरजा याद दिला दी फिल्म नीरजा में सोनम कपूर ने अपने अभिनय से दर्शको का मन मोह लिया था वैसे ही धड़क गर्ल जाह्नवी कपूर ने गुंजन बन कर किरदार को निभाया नहीं जिया है, लेकिन जाह्नवी कपूर को मात दी पंकज त्रिपाठी ने जब जब स्क्रीन पर नज़र आये मुझे पता नहीं पर पंकज जी का सबसे बेहतरीन किरदार कहे तो हर्ज नहीं होंगे उम्दा अभीनय नज़र आयाअगर कोई संख्या हो तो में पुरे के पुरे पंकज जी को दूंगा , अन्य कलाकार अंगद बेदी, मानव विज, विनीत कुमार सिंह सभी ने अपना अपना रोल बखूबी निभाया हैं यहाँ कास्टिंग डायरेक्टर की भी तारीफ करनी होंगी | 
      कमजोर कड़ी की बात करते है, कुछ सीन काफी लम्बे नज़र आये बचपन फ्लाइट वाला सीन एयर वजन कम करने काफी लम्बा समय ले लिए यहाँ गुंजन के वायुसेना की बात हो रही है तो वायु सेना में गुंजन के सहयोग को और अधिक दर्शाना था तो फिल्म और अधिक निखार के आती कहते है न एक किलो सेव ( एप्पल ) में एक सेव खट्टा हो तो कोई मायने नहीं रखता | 
     संगीत की बात करते हैं संगीतकार अमित त्रिवेदी  संगीत को एक अलग ही रूप देते है,  उनका संगीत ही कहानी के साथ चलता है, फिल्म में ६ गाने है पर आपको कही भी ऐसा नहीं लगेगा ही इस गाने हो पासऑन कर आगे बढ़ते है, वही लिरिक्स कौसर मुनीर ने भी अपने गीत में कहानी के अनुसरण कर ही लिखे हो | 
  एक बार जरूर देखना फिल्म गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल